उत्तर प्रदेश

धोखाधड़ी कर अध्यापक की नियुक्तिपाई योगी सरकार ने अध्यापकों को नौकरी से निकाला

ब्यूरो रिपोर्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धोखाधडी से नौकरी प्राप्त करने वाले अध्यापकों पर योगी सरकार का फुल फॉर्म में एक्शन शरू । इस संबंध में जिला बलिया में पांच अध्यापकों को नौकरी से निकाला=

पांचों शिक्षकों पर धोखाधड़ी करके नौकरी पाने के गंभीर आरोप है। बलिया के बीएसए मनीष सिंह इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ये शिक्षक सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में तैनात थे। जांच के बाद पता चला कि इन्होंने गलत तरीके से नौकरी पाई थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बलिया जिले में धोखाधड़ी से नौकरी पाने वाले पांच सरकारी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इन शिक्षकों ने 69 हजार शिक्षक भर्ती में गलत तरीके से नौकरी पाई थी। जांच में यह बात सामने आई है कि इनके पास आवेदन करने के लिए आवश्यक योग्यता ही नहीं थी।

इन पर गिरी बर्खास्तगी की गाज

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) मनीष सिंह ने बताया कि सोहाव प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक गुलाब चंद्र, सोनाडीह के कंपोजिट विद्यालय के शिक्षक दिलीप कुमार यादव, त्रिकालपुर प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका निवेदिता सिंह, नसरथपुर प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका खुशबू प्रजापति और अमेठी जिले में कार्यरत शिक्षिका स्निग्धा श्रीवास्तव को बर्खास्त कर दिया गया है। स्निग्धा श्रीवास्तव का ट्रांसफर हो गया था। सभी शिक्षकों पर धोखाधड़ी का आरोप है।

69 हजार शिक्षक भर्ती पर विवाद

दरअसल, यूपीम में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए 22 दिसंबर 2018 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। यह भर्ती परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने निकाली थी। इस भर्ती प्रक्रिया पर यूपी में बड़ा विवाद है। लंबे समय से भर्ती में धांधली के आरोप लगाकर हजारों अभ्यर्थी लखनऊ में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनको आज तक कोई न्याय नहीं मिल सका है। धोखाधड़ी से नौकरी पाने वाले शिक्षकों की बर्खास्तगी पर बीएसए मनीष सिंह ने बताया कि नौकरी से निकाले गए शिक्षकों के पास आवेदन करने के लिए मांगी गई जरूरी योग्यता नहीं थी। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि इन लोगों ने धोखाधड़ी से नौकरी पाई थी। जांच में इसका खुलासा होने के बाद कार्रवाई की गई है। अब सरकार इस भर्ती वालों की नई सिरे से जांच करने की तैयारी भी करती दिख रही है। क्योंकि भर्ती के बाद से ही इसकी प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

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