उत्तर प्रदेश

दरगाह में नहीं है कोई मुतवल्ली, वक्फ वाले करते हैं अवैध वसूली’,…संभल DM के पास पहुंची शिकायत

ब्यूरो रिपोर्ट चंदोसी

 दरगाह में नहीं है कोई मुतवल्ली, वक्फ वाले करते हैं अवैध वसूली’,…संभल DM के पास पहुंची शिकायत

संभल जिले के चंदौसी तहसील इलाके में जनेटा गांव में स्थित जनेटा दरगाह शरीफ की मजार को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है. जहां गांव के ही रहने वाले व्यक्ति मोहम्मद जावेद द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल और संभल जिले के डीएम को शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया गया है कि गांव में स्थित दरगाह शरीफ की मजार वक्फ की संपत्ति पर स्थित है. लेकिन पिछले 5 साल से इस वक्फ की प्रॉपर्टी पर बनी हुई मजार पर कोई भी मुतवल्ली नियुक्त नहीं है.

 उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी तहसील इलाके में जनेटा गांव में स्थित जनेटा दरगाह शरीफ की मजार को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है. जहां गांव के ही रहने वाले व्यक्ति मोहम्मद जावेद द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल और संभल जिले के डीएम को शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया गया है कि गांव में स्थित दरगाह शरीफ की मजार वक्फ की संपत्ति पर स्थित है. साथ ही दरगाह के आसपास भी काफी संपत्ति वक्फ की है. लेकिन पिछले 5 साल से इस वक्फ की प्रॉपर्टी पर बनी हुई मजार पर कोई भी मुतवल्ली नियुक्त नहीं है.

 शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि बिना अनुमति के दरगाह शरीफ स्थित वक्फ की संपत्ति पर अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है और संपत्ति का स्वरूप बदला जा रहा है. साथ ही वहां पर स्थित हमारे पूर्वजों की मजारों को खंडित भी करवाया जा रहा है.

 वहीं, शिकायतकर्ता मोहम्मद जावेद का यह भी आरोप है कि गांव के ही रहने वाले शाहिद मियां के द्वारा हर साल होने वाले उर्स के मेले के दौरान मजार पर आने वाले चढ़ावे और मेले की आमदनी का अभी तक बहुत बड़ा गबन किया गया है. इससे संबंधित मजार का कोई भी लेखा-जोखा नहीं दिया गया है.

 

 लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद देशभर में वक्फ अधिनियम 2025 को लागू कर दिया गया है. वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना, संबंधित हितधारकों को सशक्त बनाना, सर्वेक्षण, रजिस्ट्रेशन और मामले के निपटान प्रक्रियाओं की दक्षता में सुधार करना व वक्फ संपत्तियों का विकास करना है. हालांकि, इस बिल का देशभर में विरोध भी हो रहा है. 

 

क्या है वक्फ 

 

‘वक्फ’ की अवधारणा इस्लामी कानूनों और परंपराओं में निहित है. यह एक मुसलमान द्वारा धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्यों के लिए किए गए दान को संदर्भित करता है, जैसे मस्जिद, स्कूल, अस्पताल या अन्य सार्वजनिक संस्थान बनाना. वक्फ की एक और परिभाषित विशेषता यह है कि यह अविभाज्य है – जिसका अर्थ है कि इसे बेचा, उपहार में नहीं दिया जा सकता, विरासत में नहीं दिया जा सकता या उस पर कोई भार नहीं डाला जा सकता. इसलिए, एक बार जब कोई संपत्ति वक्फ, यानी वक्फ के निर्माता से अलग हो जाती है, तो वह ईश्वर में निहित हो जाती है और इस्लामी मान्यता के अनुसार चूंकि ईश्वर हमेशा के लिए रहता है, इसलिए ‘वक्फ संपत्ति’ भी हमेशा के लिए रहती है.

Director & chief

उत्तराखंड अभी तक न्यूज़ खबरें छुपता नहीं दिखता है। देशहित सर्वोपरि

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!