ट्रांसफर के लिए रिश्वत देने के आरोप में ग्राम विकास अधिकारी सस्पेंड..
ब्यूरो रिपोर्ट बिजनोर
बिजनौर न्यूज़। जनपद बिजनौर में एक बहुत बड़ा मामला सामने आया जिसमें डीडीओ ऑफिस के वरिष्ठ सहायक को रिश्वत देने के आरोप में एक ग्राम विकास अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया।
हालाकि बताया जा रहा है कि डीडीओ ने बताया है कि मामला संदिग्ध लग रहा है जांच के बाद मामले की सच्चाई सामने आएगी। जिला विकास अधिकारी रचना गुप्ता द्वारा कल शाम एक आदेश जारी किया गया था जिसमें ब्लॉक नहटोर में तैनात ग्राम विकास अधिकारी दीपेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। आरोप है कि ग्राम विकास अधिकारी दीपेंद्र कुमार ने अपना ट्रांसफर ब्लॉक नहटोर से ब्लॉक नजीबाबाद में कराने को लेकर जिला विकास अधिकारी कार्यालय मे तैनात वरिष्ठ सहायक कुलदीप को ₹20000 रिश्वत के रूप में दिए थे वरिष्ठ सहायक ने इसकी पुष्टि अपने लिखित स्टेटमेंट में की है। ग्राम विकास अधिकारी पर कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करने तथा शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने के आरोप लगे हैं, जिला विकास अधिकारी ने निलंबन अवधि के दौरान ग्राम विकास अधिकारी दीपेंद्र कुमार को विकासखंड मोहम्मदपुर देवमल से संबद्ध किया है तथा बिना सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त की मुख्यालय से अनुपस्थित नहीं होने की निर्देश दिए गए हैं। आदेश में जिला विकास अधिकारी द्वारा बताया गया है की जांच अधिकारी नियुक्त किए जाने तथा एफ आई आर दर्ज कराये जाने की कार्यवाही अलग से की जाएगी। उधर आरोपी ग्राम विकास अधिकारी ने रिश्वत देने की बात से स्पष्ट रुप इनकार किया है। ग्राम विकास अधिकारी का कहना है कि उसे षड्यंत्र के तहत फसाया गया है ग्राम विकास अधिकारी ने अपनी यूनियन से भी संपर्क किया है।
रिश्वत लेना और देना दोनों ही अपराध है
आपको बता दे की भारत देश में कानून के मुताबिक रिश्वत लेना और देना दोनों की अपराध है क्या रिश्वत लेने वाले वरिष्ठ सहायक के विरुद्ध भी कार्यवाही होगी क्या वरिष्ठ सहायक ने रिश्वत लेने की बात तुरंत अधिकारियों को बताई या कुछ दिनों बाद बताई, रिश्वत देते ग्राम विकास अधिकारी को रंगे हाथों वरिष्ठ सहायक ने क्यों नहीं पकड़वाया, क्या वरिष्ठ सहायक ने ग्राम विकास अधिकारी के द्वारा दी गई रिश्वत का विडियो बनाया, वरिष्ठ सहायक के पास क्या रिश्वत देने का कोई प्रमाण है या नहीं यह भी देखने वाली बातहै। इस क्रम में वरिष्ठ सहायक पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, जांच के उपरांत भी पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा।
जिला विकास अधिकारी रचना गुप्ता ने बताया कि जांच अधिकारी की नियुक्ति होगी सस्पेंड किए गए ग्राम विकास अधिकारी का कहना है कि उसने ट्रांसफर के लिए कोई रिश्वत नहीं दी है जबकि वैलिड सहायक ने 20 हजार रूपए रिश्वत देने की बात लिखित बयान में की है मामला संदिग्ध नजर आता है प्रकरण की जांच हेतु जांच अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जांच आख्या के उपरांत अग्रिम कार्यवाही की जायेगा।
पूर्व में आरोपी ग्राम विकास अधिकारी को एक बड़े अधिकारी के द्वारा थप्पड़ मारते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था…?