सौरभ शर्मा केस: अनुकंपा नियुक्ति पाने दिया झूठा शपथ पत्र, मां-बेटे पर FIR दर्ज
ब्यूरो रिपोर्ट मध्यप्रदेश

भोपाल । परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ अनुकंपा नियुक्ति को लेकर दिए गए फर्जी शपथ-पत्र के मामले में ग्वालियर के सिरोल थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। दो महीने पहले फर्जी शपथ-पत्र पर नियुक्ति का प्रकरण सामने आ चुका था, बावजूद इसके परिवहन विभाग कभी सरकार को कभी गृह मंत्रालय के नाम पर प्रकरण दर्ज कराने से टालता रहा। विधानसभा सत्र के दौरान आए दिन सदन में सौरभ शर्मा कांड और परिवहन घोटाला उछल रहा है। विपक्ष के हमलावर तेवर को देखते हुए परिवहन विभाग ने अब ग्वालियर में फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने का प्रकरण दर्ज कराया है।
सौरभ शर्मा ने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए जो शपथ-पत्र प्रस्तुत किया था वह झूठा था। सौरभ शर्मा के यहां 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने छापा मारा था। इसके बाद खुलासा हुआ कि सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा ने पति की मौत के बाद सौरभ को परिवहन विभाग में आरक्षक बनाए जाने के लिए शपथ-पत्र प्रस्तुत किया था। उक्त शपथ पत्र में लिखा है कि मेरे घर में कोई शासकीय सेवा में नहीं है। जबकि उमा शर्मा का बड़ा बेटा और सौरभ शर्मा के बड़े भाई छत्तीसगढ़ के भिलाई में शासकीय सेवा में हैं। इस तथ्य को शपथ-पत्र में छिपाया गया। जबकि मृतक कर्मचारी का कोई भी एक आश्रित अगर शासकीय सेवा में है तो दूसरे को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होती। इसलिए झूठा शपथ-पत्र प्रस्तुत कर शासकीय नौकरी पाने के मामले में सौरभ शर्मा और उसकी मां के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
परिवहन विभाग ने दर्ज कराया प्रकरण
लोकायुक्त पुलिस की जांच में सौरभ की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा सामने आया। इसके बाद परिवहन विभाग ने शपथ पत्र को झूठा करार दे दिया और प्रकरण दर्ज कराने का प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेज दिया। विभाग ने मामला दर्ज कराने के लिए फाइल गृह विभाग को भेज दी। गृह विभाग तथ्यों को तस्दकी करने में जुटा था। इसी इीच विधानसभा में आए दिन मामला उछलने पर परिवहन विभाग की उप आयुक्त (शिकायत) किरण शर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्वालियर के सिरोल थाने में मामला दर्ज कराया है।
काली कमाई का धन कुबेर निकला सौरभ शर्मा
सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस ने 18 दिसंबर को छापेमारी की थी। इसके बाद 19-20 दिसंबर की दरमियानी रात रातीबड़ के मेंडोरा के जंगल में एक इनोवा में 54 किलोग्राम सोना और करीब ग्यारह करोड़ नकदी आयकर विभाग की टीम ने बरामद किया। जिस इनोवा में इतना सोना और नकदी मिली वह सौरभ के बिजनेस पार्टनर और राजदार चेतन सिंह गौर की है। गौर ने अपने बयान में कहा है कि उक्त इनोवा का उपयोग सौरभ शर्मा के कार्यालय में होता था। इसके बाद 27 दिसंबर को ईडी ने सौरभ, उसके बिजनेस पार्टनर व राजदार चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल के यहां छापा मारा था। लोकायुक्त पुलिस सौरभ, चेतन और शरद को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। ईडी और आयकर विभाग के अधिकारी भी तीनों से अलग-अलग पूछताछ कर चुके हैं।