धामपुर: 10 महा पहले बर्खास्त संग्रह अमीन से होगी रिकवरी….
साल 2023 में सरकार की ओर से कंफर्म हुए अमीनों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन के दौरान उजागर हुआ था मामला….
धामपुर। राजस्व विभाग की ओर से सितंबर 2023 में जांच में शैक्षिक प्रमाण पत्रों के फर्जी पाने पर तहसीलदार ने धामपुर तहसील के संग्रह विभाग में कार्यरत संग्रह अमीन देवेंद्र कुमार को बर्खास्त कर दिया था। अब विभाग ने 10 माह बाद आरोपी से रिकवरी की तैयारी शुरू कर दी है। तहसीलदार ने बताया कि विभाग की ओर से आरोपी के खिलाफ अधिकारियों को गुमराह करने के आरोप में पुलिस में भी केस दर्ज कराकर कार्रवाई कराई जाएगी। तहसीलदार पवन कुमार शर्मा ने बताया कि नहटौर थाना क्षेत्र के गांव फलोदी निवासी देवेंद्र कुमार पिछले 28-30 साल से संग्रह विभाग में नौकरी करता रहा। देवेंद्र की नियुक्ति नगीना तहसील में हुई थी। इसके बाद देवेंद्र ने कुछ समय नगीना तहसील में सीजनल संग्रह अमीन की नौकरी करने के बाद अपना स्थानांतरण धामपुर तहसील में कर लिया था। जब 2023 में सरकार की ओर से प्रदेश के अमीनों को कंफर्म किया गया तो विभाग की ओर से कंफर्म हुए अमीनों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच की गई। तहसीलदार ने बताया कि जब शैक्षिक प्रमाण पत्र की जांच हुई तो जांच में सीजनल संग्रह अमीन देवेंद्र कुमार की नियुक्ति फाइल में इंटर की मार्कशीट जांच में फर्जी पाई गई। इसे अधिकारियों ने गंभीरता से लेते रिपोर्ट से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। बताया गया कि अधिकारियों के आदेश पर संग्रह अमीन देवेंद्र को फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में माह सितंबर 2023 में बर्खास्त कर दिया गया था, तभी से संबंधित आरोपी अमीन अपनी नौकरी के बचाव में अधिकारियों की परिक्रमा में लगा था, लेकिन बच नहीं पाया।
तथ्यों को छिपा गुमराह करने के आरोप में पुलिस में होगा केस दर्ज
तहसीलदार ने बताया कि विभाग की ओर से आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपी से न केवल रिकवरी होगी, बल्कि सही तथ्यों को छुपा विभाग को गुमराह करने के आरोप में पुलिस में भी केस दर्ज कराकर कार्रवाई कराई जाएगी।
आर्थिक रूप से बेहर तंगहाल है देवेंद्र
बताया गया कि पीड़ित अब अपनी नौकरी को बचाने के लिए हाईकोर्ट की शरण में गया हुआ है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि देवेंद्र की मालीहालात कमजोर है। अक्सर बीमार रहता है। देवेंद्र ने अधिकारियों के हाथ पैर जोड़ कर नौकरी को छोड़ने का भरोसा दिया था, पर उसका पीछा नहीं छूटा। अब वह किसी तरह से कोर्ट की शरण में है। उधर,बर्खास्त अमीन से वार्ता नहीं हो सकी।