उत्तर प्रदेश

उत्तराखंड के जसपुर से आए दो सगे भाई रामगंगा नदी की तेज धारा में बहे, इस कारण रोकना पड़ा बचाव अभियान…

ब्यूरो रिपोर्ट बिजनौर

उत्तराखंड के जसपुर से आए दो सगे भाई रामगंगा नदी की तेज धारा में बहे, इस कारण रोकना पड़ा बचाव अभियान

बिजनौर के भूतपुरी में रामगंगा नदी में भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जित करने के दौरान उत्तराखंड के दो सगे भाई नदी की तेज धारा में बह गए। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और गोताखोरों ने उनकी तलाश की लेकिन अंधेरा होने के कारण सर्च अभियान रोकना पड़ा। बुधवार को फिर से तलाश की जाएगी। परिवार में कोहराम मचा हुआ है

जनपद बिजनौर के भूतपुरी में रामगंगा नदी के पुल के नीचे घाट पर मंगलवार शाम भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जित करने के दौरान उत्तराखंड के जसपुर से आए दो सगे भाई रामगंगा नदी की तेज धारा में बह गए। पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से दोनों की काफी तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं लग सका। पुलिस ने पीएसी के गोताखोरों की टीम बुलाई है। हालांकि अंधेरे के कारण बचाव अभियान रोक दिया गया।

उत्तराखंड के जसपुर के मुहल्ला नत्था सिंह निवासी दो सगे भाई 36 वर्षीय धर्मेंद्र कुमार व उनका छोटा भाई 34 वर्षीय विजेंद्र मंगलवार शाम जसपुर से अपने मुहल्लेवासियों के साथ भूतपुरी के रामगंगा नदी घाट पर भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जित करने आए थे।

शाम लगभग पांच बजे सभी लोग रामगंगा नदी के पुल के नीचे स्थित घाट से लगभग 50 मीटर अंदर रामगंगा नदी में मूर्ति विसर्जित करने जा रहे थे। इसी दौरान पानी की तेज धारा की चपेट में आकर धर्मेंद्र व विजेंद्र बह गए। स्वजन की सूचना पर सीओ आलोक सिंह, थानाध्यक्ष सुमित राठी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। पास के गांव मनोहरवाली के स्थानीय गोताखोरों की मदद से दोनों भाइयों की तलाश की गई, लेकिन पता नहीं लगा।

 

सीओ आलोक सिंह ने बताया कि गोताखोरों की टीम बुलाई गई है, मौके पर पुलिसकर्मी व दमकल की गाड़ी तैनात है। देर शाम लगभग साढे सात बजे अंधेरे के कारण बचाव अभियान रोक दिया गया। बुधवार को फिर अभियान चलाकर दोनों भाइयों की तलाश की जाएगी।

तेज बहाव में बह गए दोनों सगे भाई

 

चचेरे भाई बंटी ने बताया कि सभी लोग जसपुर से शाम चार बजे ट्रैक्टर-ट्राली से भूतपुरी आए थे। उनके जत्थे में लगभग 30 लोग शामिल थे। किनारे पर पानी कम होने के चलते सभी लोग रामगंगा नदी के बीच में तेज धारा में मूर्ति विसर्जित करने जा रहे थे। इसी दौरान हादसा हो गया। दोनों भाई मजदूरी करते थे। परिवार में धर्मेंद्र के एक बेटा व एक बेटी है जबकि विजेंद्र के दो बेटे व एक बेटी हैं।

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