दस वर्ष तक स्कूल में नौकरी करता रहा, अब जांच में फर्जी निकले दस्तावेज; सहायक अध्यापक की सेवा समाप्त….
Hathras News: दस वर्ष तक स्कूल में नौकरी करता रहा, अब जांच में फर्जी निकले दस्तावेज; सहायक अध्यापक की सेवा समाप्त
शिक्षा विभाग के भी खेल निराले हैं। सहायक अध्यापक के पद चिदानंद दस वर्ष तक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मौहरिया में तैनात रहा। शिकायती पत्र पर हुई जांच में उसके सभी शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने इस सहायक अध्यापक की सेवा समाप्त कर दी हैं। सवाल यह है कि आखिर दस साल तक विभाग क्या करता रहा।
दस वर्ष तक स्कूल में नौकरी करता रहा, अब जांच में फर्जी निकले दस्तावेज; सहायक अध्यापक की सेवा समाप्त
जांच में फर्जी पाए गए सहायक अध्यापक चिदानंद के सभी शैक्षिक प्रमाण पत्र
राजकीय उ.मा. विद्यालय मौहरिया में तैनात था यह सहायक अध्यापक
हाथरस। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) वर्ष 2014 के रिक्त पदों पर चयन में सामान्य वर्ग के तहत विज्ञान/गणित के पद पर 01.09.2015 को कारव, तहसील महावन जिला मथुरा निवासी चिदानंद की नियुक्ति राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मौहरिया हाथरस में हुई। इसके लिए बाकायदा आदेश मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अलीगढ़ द्वारा किए गए।
पूर्व विधायक ने सौंपा था शिकायती पत्र
भाजपा के प्रणतपाल सिंह पूर्व विधायक ने इसी वर्ष एक मई को एक शिकायती पत्र माध्यमिक शिक्षा विभाग की मंत्री गुलाब देवी को सौंपा, इसमें उन्होंने चिदानंद की नियुक्ति फर्जी प्रपत्रों द्वारा होने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने कराकर उसके विरुद्ध सख्त कदम उठाने की मांग की गई।
मंत्री के निर्देश के बाद विभाग हरकत में आया और जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा इसकी जांच शुरू करा दी। हाईस्कूल व इंटर के राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीय शिक्षा संस्थान के नोएडा स्थित कार्यालय ने 11 जून के पत्र के संबंध में छात्र दीपेश कुमार, चिदानंद सहित 22 छात्रों के 10 वीं 12 वीं के प्रपत्रों के फर्जी होने की सत्यापन रिपोर्ट जेडी कार्यालय अलीगढ़ को भेजी।
वहीं वर्ष 2010 के बीएड की अंक तालिका के सत्यापन में विशेष उ.प्र. शासन ने वर्ष 2009-10 के शैक्षिक सत्र को शून्य घोषित बताया। वहीं आरएसएस पीजी कालेज सैदपुर बल्देव मथुरा के संचालक ने बताया कि वर्ष 2009-10 का शैक्षिक सत्र ही शून्य था तो छात्र चिदानंद का हमारा स्कूल से कोई संबंध नहीं है।
फर्जी शिक्षकों की सूची में था नाम
इससे पूर्व 30 मार्च को पुष्पेंद्र कुमार द्वारा इस शिक्षक की शिकायत सभी प्रपत्रों को प्रस्तुत करते हुए शिक्षा विभाग से की गई थी। इसमें संयुक्त शिक्षा निदेशक बरेली ने उपलब्ध कराई फर्जी शिक्षकों की सूची में चिदानंद का नाम चौथे नंबर अंकित था। इनके विरुद्ध संयुक्त शिक्षा निदेश मिर्जापुर मंडल द्वारा थाना कोतवाली शहर जिला मिर्जापुर में दर्ज मुकदमा में चिदानंद का नाम नौवें नंबर पर अंकित है।
नौ साल बाद हुई शिक्षक की हुई बर्खास्तगी
जिला विद्यालय निरीक्षक संत प्रकाश ने बताया कि राजकीय उ.मा. विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक चिदानंद के हाईस्कूल, इंटर व बीएड के प्रमाण पत्र सत्यापन में फर्जी पाए गए। इसके साथ ही जांच में उस पर कई मुकदमे भी पंजीकृत मिले। इससे स्पष्ट है कि इसे लेकर हुई शिकायत पूरी तरह सही हैं।
अभिलेखों के सत्यापन व जांच रिपोर्ट रिपोर्ट की आख्या को आधार मानते हुए एक सितंबर 2015 के नियुक्ति आदेश को निरस्त करते हुए शिक्षक चिदानंद की सेवा समाप्त की गई है। इसके विरुद्ध थाने में एफआइआर के साथ वसूली भी कराई जाएगी।