पिता के रिटायर्ड होने पर भी, मृतक आश्रित कोटे से पुत्र ने हड़प्प ली 29 वर्ष पहले सरकारी नौकरी…
बिजनौर बेसिक शिक्षा विभाग में भी फर्जी शिक्षकों की लंबी फेहरिस्त है पिता सेवानिवृत्त तो मृतक आश्रित कोटे से कैसे मिली अनुकम्पा कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षा माफियाओं की मिलीभगत के चलते शिकायत के बाद भी मिल रही लाखो रुपये की सैलरी ...

बिजनौर/अफजलगढ़। अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के समय फर्जी दस्तावेज दाखिल कर नौकरी पाने का मामला प्रकाश में आया है। एक संस्था द्वारा उक्त अध्यापक की दस्तावेजों की जांच कर उसके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए लखनऊ पुलिस महानिदेशक से शिकायत की गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग जनपद बिजनौर के विकास क्षेत्र अफजलगढ़ के कंपोजिट स्कूल रामनगर गोसाई सहायक अध्यापक अखिलेश कुमार द्वारा धोखाधड़ी करके शिक्षक की नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर 4 दिसंबर 1996 को मृतक आश्रित कोटे के आधार पर प्राप्त की गई है। अखिलेश कुमार ने मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत नियुक्ति प्राप्त की है वह इन्होंने अपने पिताजी स्वर्गीय रामचंद्र सिंह मुख्याध्यापक प्राथमिक विद्यालय शहजादपुर प्रथम विकास क्षेत्र अफजलगढ़ के मृतक आश्रित अनुकम्पा के रूप में धोखाधड़ी से प्राप्त की है। इन्होंने शासन प्रशासन के साथ धोखाधड़ी करके अनुकंपा के आधार पर शिक्षक की नियुक्ति पाई। इनके पिता रामचंद्र सिंह 1 जुलाई 1996 को अपने शिक्षण कार्य से सेवा मुक्त होकर सेवानिवृत्ति रिटायर्ड हो गए थे, तो अखिलेश कुमार ने उनके रिटायर्ड होने के बाद मृतक आश्रित के तहत शिक्षक के पद पर नियुक्ति कैसे प्राप्त कर ली।
जब रामचंद्र सिंह का रिटायरमेंट हुआ था ,उस समय उनके साथ में विद्यालय में नसीम अहमद सहायक अध्यापक, मिश्री सिंह सहायक अध्यापक, संजीव कुमार सहायक अध्यापक भी तैनात थे रामचंद्र सिंह का विदाई समारोह भी किया गया था जिसमें उसे समय जो तीनों उक्त अध्यापक तैनात थे उनसे भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है और जो आज वर्तमान में जीवित है उनसे जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अखिलेश कुमार ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर शासन प्रशासन को गुमराह कर अनुकंपा के आधार पर शिक्षक की नियुक्ति पाई है जो एक बहुत ही गंभीर विषय है । इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग जनपद बिजनौर और खंड शिक्षा कार्यालय अफजलगढ़ को लिखित में भी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी कई बार शिकायत दी गई लेकिन इन्होंने संबंधित अध्यापक को मिली भगत कर बचा रहे हैं । संबंधित अध्यापक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं इन लोगों के विरुद्ध भी जांच कराई जाए इनका मामला भी संदिग्ध है।
रिपोर्ट हाजी मो. कासिम बिजनौर





